अनाज भंडारण योजना:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि इस योजना के द्वारा 1.5 लाख करोड रुपए से ज्यादा का निवेश किया जाएगा और अगले 5 सालों में 700 लाख टन अनाज भंडारण योजना तैयार की जाएगी, प्रधानमंत्री ने शनिवार(24 फरवरी)को किसानों के लिए सहकारी क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडार अनाज भंडार योजना की शुरुआत की।
700 लाख टन अनाज भंडारण योजना का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों का इस और कभी ध्यान नहीं गया लेकिन आज पैक्स के जरिए इस समस्या का समाधान किया जा रहा है ,विश्व के सबसे बड़े खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले 5 वर्षों में 700 लाख टन अनाज भंडारण की क्षमता बनाई जाएगी इस मौके पर 1.5 करोड रुपए से अधिक खर्च होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि विशाल भंडारण सुविधाओं के निर्माण से किसानों को अपनी उपज को गोदाम में रखना और इसके बदले संस्थागत लोन लेने और अनाज की अच्छी कीमत हासिल करने में सक्षम होंगे, प्रधानमंत्री ने सहकारी समितियों की चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता लाने के के महत्वपूर्ण तथ्य पर भी जोड़ दिया और उन्होंने कहा कि इससे सहकारी आंदोलन में भाग लेने वालों की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा.
भंडारण असुविधा के चलते किसानों को नुकसान
प्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद प्रकट किया कि देश में भंडारण बुनियादी ढांचे की कमी के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है पिछली सरकार ने इस समस्या पर कभी ध्यान नहीं दिया है लेकिन आज पैक्स के जरिए समस्या का समाधान किया जा रहा है और आने वाले दिनों में इसको तेजी से अमल में लाया जाएगा.
सहकारी समितियों का ग्रामीण विकास में अभूतपूर्व योगदान
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि को-ऑपरेटिव सेक्टर लचीली अर्थव्यवस्था को आकार देने और ग्रामीण क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करने में सहायक है, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज हमने किसानों के लिए दुनिया के सबसे बड़े अनाज भंडारण योजना का शुभारंभ किया है और इसके द्वारा वेयरहाउस और गोदाम बनाए जाएंगे जिससे इन गोदाम के बन जाने के बाद 700 लाख टन (अनाज भंडारण योजना)भंडारण क्षमता हो जाएगी.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विशाल भंडारण सुविधाओं के निर्माण से किसानों को अपनी उपज को गोदाम में रखने और उसके बदले इंस्टीटूशनल क्रेडिट लेने और अच्छी कीमत हासिल करने में सक्षम होंगे जिससे कि सहकारी आंदोलन में लोगों की अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में एक अलग मंत्रालय द्वारा देश में कॉपरेटिव समितियां को मजबूत करने का प्रयास भी किया जा रहा है.
छोटे किसान से उद्यमिता की ओर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छोटे किसान अब उद्यमिता की ओर बढ़ रहे हैं और अपनी उपज का निर्यात भी कर रहे हैं इस पर उन्होंने कहा कि हमने 10000 FPO स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा है जिसमें हम 8000 पहले से स्थापित कर चुके हैं और प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बहुत हर्ष का विषय है (अनाज भंडारण योजना)कि छोटे किसानों की सफलता की चर्चा अब वैश्विक स्तर पर हो रही है.
आयात को कम करने में मदद
पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहकारी समितियां को उन चीजों की एक सूची तैयार करनी चाहिए जिनका भारत आयात करता है,और उन्हें स्थानीय स्तर पर उत्पादित या निर्मित करने की योजना तैयार करनी चाहिए उन्होंने कहा कि सहकारी संगठन खाद्य तेल और कच्चे तेलों के आयात को कम करने में मदद कर सकते हैं साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि ईंधन आयात को कम करना होगा हम बड़े पैमाने पर एथेनॉल उत्पादन का काम कर रहे हैं और एथेनॉल का उत्पादन काफी बढ़ गया है सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना भारत के 100% अनाज भंडारण की क्षमता बनाने में मदद करेगी और आगे उन्होंने यह कहा कि आगामी चुनाव से पहले 30000 और पीसीएस का कम्पूटरी करण का काम पूरा हो जाएगा और यह सहकारी क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और छोटे तथा सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के सरकार के प्रयासों का एक अहम हिस्सा है.
अगस्त माह तक पैक्स कंप्युटरीकृत का लक्ष्य
गृहमंत्री अमित शाह का दावा है कि इस साल अगस्त तक देश के सभी 65000 किसान उत्पादक सहकारी समितियां को कम्पूटरी करण कर दिया जाएगा उनके अनुसार कम्पूटरीकरण करने से पैक्स की कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ बिजनेस के नए अवसर भी सामने आएंगे उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को सहकारिता क्षेत्र को नया जीवन देने का श्रेय दिया जो अगले आने वाले सवा सौ साल तक देश की सेवा करता रहेगा.
महिलाओं की भागीदारी पर ध्यान आकर्षित किया
अनाज भंडारण योजना:महिला प्राथमिकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में डेरी और कृषि में सहकार से किसान जुड़े हैं, उनमें करोड़ों की संख्याएं महिलाओं की है और महिलाओं की इसी सामर्थ्य को देखते हुए सरकार ने भी सहकार से जुड़ी नीतियों मैंउन्हें पहली प्राथमिकता दी है(अनाज भंडारण योजना)उनके द्वारा बताए गए आंकड़े में अकेले मछली पालन में 25000 सहकारी इकाइयां काम कर रही हैं और आने वाले सालों में देश भर से लगभग दो लाख सहकारी समितियां बनाई जाएगी जिसमें बहुत सारे मछली पालन उत्पादन से जुड़े होंगे.
पीएम मोदी ने सहकारिता को महिला सशक्तिकरण का प्रमुख आधार बनाया है और इसके लिए लज्जित पापड़ और अमूल का उदाहरण दिया जिसमें बहुत बड़ी संख्या में महिलाएं इन संस्थाओं से जुड़ी हुई है.पीएम मोदी ने कहा, “विकसित भारत के लिए भारत की कृषि व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण भी उतना ही जरूरी है। हम कृषि क्षेत्र में नई व्यवस्थाएं बनाने के साथ ही PACS जैसी सहकारी संस्थाओं को नई भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहे हैं।”
इस आर्टिकल के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अनाज भंडारण योजना के बारे में सभी प्रकार की महत्वपूर्ण और जरूरी जानकारियां उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है यदि आपको आज के आर्टिकल को पढ़कर लाभ मिला हो, तो इसे अन्य लोगों के साथ भी साझा करें.