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UCC Bill Details 2024 I क्‍या है यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल?

समान नागरिक संहिता विधेयक को संदर्भित करता है, जो एक प्रस्तावित कानून है,UCC Bill Details:जिसका उद्देश्य भारत के सभी नागरिकों के लिए व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले सामान्य कानूनों का एक सेट बनाना है, चाहे उनका धर्म या जाती कुछ भी हो।

समान नागरिक संहिता विधेयक का उद्देश्य:UCC Bill Details

यूसीसी का उद्देश्य धार्मिक प्रथाओं पर आधारित मौजूदा व्यक्तिगत कानूनों को एकीकृत कानूनों के साथ बदलना है जो विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने जैसे मामलों में सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं। वर्तमान में भारत विभिन्न धार्मिक समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों का पालन करता है। (UCC Bill Details)जैसे हिंदू व्यक्तिगत कानून, मुस्लिम व्यक्तिगत कानून और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कानून। यूसीसी व्यक्तिगत कानूनों में समानता और मानकीकरण लाना चाहता है, जिससे लैंगिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा।

UCC Bill की प्रमुख बातें:

प्रस्तावविवरण
महिला अधिकारों पर केंद्रित– बहु-विवाह पर रोक का प्रावधान – लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाने का प्रावधान
लिव-इन रिलेशनशिप के लिये रजिस्ट्रेशन– रिलेशनशिप के पंजीकरण से पुरुषों और महिलाओं दोनों को फायदा होगा
विरासत का अधिकार– लड़कियों को लड़कों के बराबर ही विरासत का अधिकार देने का प्रस्‍ताव
जनजातियों को बाहर रखने का प्रावधान– उत्‍तराखंड की 4% जनजातियों को क़ानून से बाहर रखने का प्रावधान
शादी का रजिस्ट्रेशन– शादी का रजिस्ट्रेशन ज़रूरी करने का प्रस्‍ताव रखा गया है – शादी का रजिस्ट्रेशन न कराने पर सरकारी सुविधाएं नहीं देने का प्रस्‍ताव भी है
बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया– बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को आसान करने का प्रस्‍ताव रखा गया है – मुस्लिम महिलाओं को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार देने का प्रस्‍ताव है ।
हलाला और इद्दत पर रोक– मुस्लिम समुदाय के भीतर हलाला और इद्दत पर रोक लगाने का प्रस्‍ताव है ।
मृत्यु के बाद शादी– पति की मृत्यु पर पत्नी द्वारा दोबारा शादी की जाने पर माता-पिता को मुआवज़े में हिस्सा मिलने का प्रस्‍ताव है – पत्नी की मृत्यु होने पर उसके मां-बाप की ज़िम्मेदारी पति पर होगी
विवाद के समय कस्टडी– विवाद होने पर बच्चों की कस्टडी दादा-दादी को देने का प्रस्‍ताव है ।
UCC Bill

UCC Bill In India:

उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधायक पेश कर दिया गया है; इस विधेयक का मकसद एक ऐसा कानून बनाना है जो शादी तलाक विरासत और गोद लेने वाले से जुड़े मामलों सभी धर्म पर लागू हो।

UCC Bill In India:-उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया गया है इसे जल्दी से सदन में मंजूरी मिल सकती है, राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला भारत का दूसरा राज्य बन जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेश को विधानसभा में पेश करते हुए कहा कि राज्य में सबको सम्मान अधिकार प्रदान करने हेतु हम सदैव संकल्पित हैं।

उत्तराखंड में पेश किया गया विधेयक क्या है?

UCC Bill Details 2024 I क्‍या है यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल?
UCC Bill Details

राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया है इसे समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 नाम दिया गया है।182 पेजो की कानूनी मसौदा में कई धाराएं  उपलब्ध हैं, इसमें उत्तराधिकार उत्तराधिकार विवाह विच्छेद और विभिन्न रिलेशंस के बारे में नियम कानून का उल्लेख किया गया है। UCC Bill Details:-मुख्यमंत्री ने कहा की बुराइयों को खत्म करने के लिए उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए देश में सबसे मुफीद राज्य है इस बिल का मकसद एक ऐसा कानून बनाना है;जो शादी तलाक विरासत और गोद लेने से जुड़े मामलों में सभी धर्म पर लागू हो।

लिवइन रिलेशनशिप के बारे में क्या नियम होंगे ?

UCC Bill Details:मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में लिवइन रिलेशनशिप का मुद्दा सहमति बनाम स्थापित सामाजिक नैतिक दंड से जुड़ा है देश में हर नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा के लिए जरूरी कानून बनाए गए हैं और उसकी सुरक्षा की गई है लेकिन अधिकार मानव सामाजिक व्यवस्था में संतुलन जरूरी है।

इसके तहत यह प्रावधान किया गया है कि लिवइन रिलेशनशिप में रहने वाले लड़का 21 वर्ष से अधिक और लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए उसको इन रिलेशनशिप में रहने से पहले पहचान करने के उद्देश्य से एक रजिस्ट्रेशन करना होगा और 21 वर्ष से कम लड़का और लड़की इन दोनों को रजिस्ट्रेशन की जानकारी दोनों के माता-पिता को देने अनिवार्य होगी।

UCC Bill Details:सरकार ने लिवइन रिलेशनशिप के मामलों में रजिस्ट्रेशन को जरूरी कर दिया है ताकि ऐसे जोड़ों को कहीं रहने के लिए किराए पर मकान लेने या और पहचान की आवश्यकताओं पर कोई कानूनीअड़चन का सामना न करना पड़े का सामना करना पड़े हैं।

UCC Bill के तहत यह भी प्रावधान दिया गया है कि जब यह लड़का और लड़की लिवइन रिलेशनशिप से बाहर आते हैं तो उसके बाद भी यह इस बात की सूचना नजदीकी पुलिस थाने को देंगे।

UCC Bill में विवाह के बारे में क्या है?

UCC Bill
UCC Bill about Marriage

1-UCC Bill सभी के लिए विवाह की न्यूनतम आयु को स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है जिसमें लड़की की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 वर्ष से काम नहीं होनी चाहिए।

2-समान नागरिक संहिता में पार्टी टू मैरेज यानी कि किन-किन के माध्यम से विवाह हो सकता है इसे स्पष्ट रूप से बताया गया है। विवाह एक पुरुष और एक महिला के बीच ही संपन्न हो सकता है ।

3-संहिता में बताया गया है कि पति अथवा पत्नी के जीवित होने की स्थिति में दूसरे विवाह को पूर्णत प्रतिबंधित कर दिया गया है।

4-एक बार तलाक के बाद दोबारा इस पुरुष से या अन्य पुरुष से विवाह करने के लिए महिला को किसी प्रकार की शर्तों में बाधा नहीं जा सकता, यदि कोई ऐसा संज्ञान विषय में आता है तो उसके लिए 3 वर्ष की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान किया गया है ।

5-विवाह के उपरांत वैवाहिक दंपतियों में से यदि बिना एक दूसरे की सहमति के धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को तलाक  लेने और गुजारा भत्ता क्लेम करने का पूरा अधिकार होगा । इन सभी चीजों की जानकारियां विस्तृत रूप में UCC Bill Details के अंतर्गत दी गई है।

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