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Indian Government Investment Schemes for Women’s,5 जबरदस्त योजना 

Indian Government Investment Schemes for Women’s: देश में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं,जिनका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की श्रेणी में आगे बढ़ाना है। देशभर में ऐसी कई योजनाएं हैं। जो सिर्फ और सिर्फ महिलाओं के लिए ही चलाई जा रही हैं, लेकिन कई महिलाओं को इन योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं होती है। जिसके कारण वह इनका लाभ नहीं उठा पाती है।

Indian Government Investment Schemes for Women’s

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से लेकर महिला समृद्धि योजना तक (Indian Government Investment Schemes for Women’s)कई योजनाएं महिलाओं को आगे बढ़ने, आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। लेकिन महिलाओं को इसके बारे में सही जानकारी न होने के कारण, उनको इस योजना का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता। महिलाओं के लिए मुनाफे वाली हैं ये सरकारी योजनाएं, यहां जानिए सब कुछ।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

केंद्र की सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए भी कई प्रकार की योजनाएं चला रही हैं। जिसमें से एक मातृ वंदना योजना (pradhanmantri matru vandana yojana) है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है।  सरकार द्वारा यह मदद सीधे महिलाओं के बैंक खाते में भेजती है। सिर्फ पात्र महिलाओं को यह पैसा मिलता है। इस योजना की शुरुआत सरकार ने कुपोषित बच्चों के पैदा होने की समस्या को ध्यान में रखकर की है।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए सहायता का उद्देश्य माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना और साथ ही मजदूरी हानि, यदि कोई हो, के लिए मुआवजा देना है। सरकार 6000 रुपये बच्चों की देखभाल और बीमारी की रोकथाम के लिए इस्तेमाल करने के लिए देती है। इस योजना के लिए गर्भवती महिलाओं की आयु 19 साल से कम नहीं होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

Indian Government Investment Schemes for Women's

केंद्र सरकार  द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का शुभारंभ महिलाओं के लिए 1 मई 2016  में किया गया था। इस योजना का अभिप्राय लकड़ी और कोयला जलाकर खाना बनाने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना था। केंद्र सरकार इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवार की महिलाओं को रसोई गैस उपलब्ध करवाती है। ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों इलाके में रहने वाले बीपीएल परिवार के लोगों को इसका फायदा मिल सके।

पूरे साल महिलाएं एलपीजी गैस का इस्तेमाल करें। इसकी सुनिश्चितता के लिए सरकार द्वारा इन्हें गैस सिलेंडर पर सब्सिडी दी जाती है। कनेक्शन लेते समय ₹1600 की आर्थिक सहायता भी दी जाती है। ताकि गैस कनेक्शन से जुड़े  अन्य उपकरणों को खरीदा जा सके।गैस स्टोव खरीदने के लिए सरकार EMI की सुविधा भी देती है।

महिला कोइर योजना

केंद्र सरकार की ओर से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है और इसके लिए तमाम योजनाओं की शुरुआत भी की है। यह योजना उन प्रमुख योजनाओं में से एक है। महिला कोइर योजना (Women’s Choir Scheme) में कौशल विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।

जिसमें नारियल उद्योग से जुड़ी महिलाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाते हैं। इस कार्यक्रम के  द्वारा काइर स्पिनिंग में दो महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें महिलाओं को ₹3000 का मासिक भत्ता भी दिया जाता है। यदि कोई महिला नारियल की प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहती हैं। तो इसके लिए सरकार द्वारा उन्हें 75 फीसदी तक लोन भी आसानी से मिल जाता है।

इस योजना के अंतर्गत  प्रशिक्षण प्राप्त कारीगरों को काइर यूनिट स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार निर्माण योजना के अंतर्गत सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उद्यमियों के रूप में महिलाओं की बढ़ती उपस्थिति के चलते देश में महत्वपूर्ण व्यवसाय और आर्थिक विकास हुआ है। सरकार की इन योजनाओं के चलते ग्रामीण और पिछड़े वर्ग की महिलाओं की आर्थिक उन्नति में सुधार हो रहा है। 

महिला कोइर योजना (एमसीवाई), विशेष रूप से, उचित कौशल विकास प्रशिक्षण के बाद रियायती दरों पर कताई उपकरण के प्रावधान के माध्यम से महिला सशक्तीकरण में वृद्धि को साकार करने का लक्ष्य रखती है। जो महिलाएं कोइर फाइबर का उत्पादन करती है। उनके लिए योजना अत्यंत कारगर है। 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान 

Indian Government Investment Schemes for Women's

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (beti bachao beti padhao yojana)  योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा से किया था। इस योजना का उद्देश्य बालिका लिंग अनुपात में वृद्धि करना और महिलाओं को सशक्त बनाना है। 

यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना भारत के विभिन्न प्रांतो में चलाई जा रही है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य उन महिलाओं की मदद करना है। जो घरेलू हिंसा या अन्य किसी भी प्रकार की हिंसा पीड़ित होती हैं। अगर कोई महिला ऐसी किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार होती है, तो उसे पुलिस, कानूनी, चिकित्सा जैसी आवश्यक सेवाएं दी जाती हैं। पीड़ित महिला टोल फ्री नंबर 181 पर call करके मदद ले सकती हैं। 

सुकन्या समृद्धि योजना

Indian Government Investment Schemes for Women's

सुकन्या समृद्धि योजना (sukanya samriddhi yojana) की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 22 जनवरी 2015 को की गई थी। यह स्कीम 10 साल से कम उम्र की लड़कियों/बच्चियों की उच्च शिक्षा और  विवाह को सुगम बनाती है यानी लड़कियों के सुरक्षित भविष्य के लिए यह एक तरह की बचत योजना है। माता-पिता किसी भी बैंक और पोस्ट ऑफिस में जाकर आप अपनी 10 साल से कम उम्र की बेटी के लिए  खाता खुलवा सकते हैं। स्कीम पूरी हो जाने के बाद सारा पैसा उसे मिलेगा, जिसके नाम पर आपने इस अकांउट को खुलवाया होगा।

योजना की जरूरी बातें

  • सुकन्या समृद्धि योजना के तहत वैसे तो एक परिवार की केवल दो बेटियों को ही लाभ मिलता है। लेकिन कुछ मामलों में यह संख्या बढ़ सकती है। 
  • यदि किसी परिवार में पहले से एक बेटी है और फिर जुड़वां या इससे ज्यादा बच्चियों का जन्म होने पर उन्हें भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। 
  • यदि किसी परिवार में पहले से दो जुड़वा  बेटियां हैं, तत्पश्चात तीसरी बेटी के जन्म के उपरांत उसको इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। 
  • यदि कोई परिवार कानूनी रूप से किसी बच्चे को गोद लेता है,तो उसे भी इस योजना का लाभार्थी माना जाएगा।  

सुकन्या समृद्धि योजना के फायदे

  • सुकन्या समृद्धि योजना एक सरकारी बचत योजना है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा बेटियों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए शुरू किया है।
  • यह एक सरकारी योजना है। इसीलिए इसमें बाजार जोखिम नहीं है,यानी गारंटीड रिटर्न मिलता है।
  • सुकन्या समृद्धि योजना लंबी अवधि की छोटी बचत योजना है, जिसमें  सालाना चक्रवर्ती ब्याज का लाभ मिलता भी है। यानी कम निवेश में भी अच्छा रिटर्न प्राप्त होता है।
  • माता-पिता द्वारा गोद ली गई बालिका को भी इसका लाभ मिलता है। 
  • योजना के शर्तें अनुसार परिवार में दो बेटियों को उसका लाभ मिलेगा।
  • सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेदक आर्थिक स्थिति के आधार पर निवेश कर सकते हैं, इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश किये जा सकते हैं।
  • इस योजना में कन्या की उम्र 18 साल की हो जाने या कक्षा दसवीं उत्तीर्ण करने के बाद भी खाते से कुछ धनराशि निकाली जा सकती है। इस धनराशि को साल में केवल एक ही बार निकाला जा सकता है।